purnima vrat 8 fabruary and snan daan 9 feb.

*पूर्णिमा व्रत 8 फरवरी को एवं माघी पूर्णिमा स्नान 9 फरवरी को होगा*
माघ मास के शुक्ल पक्ष की माघी पूर्णिमा व्रत 8 फरवरी को व स्नान दान पूर्णिमा 9 फरवरी को होगा।
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 8 फरवरी शाम 4:01 बजे से  9 फरवरी दोपहर 1:02 बजे तक रहेगा। । इस दिन अश्लेषा नक्षत्र और सौभाग्य योग से स्नान-दान शुभकारक होगा। 
इसी दिन माघ मास स्नान पर्व पर संगम में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसी के साथ माघी पूर्णिमा से ही संगम की रेती पर पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ एक माह का कल्पवास भी समाप्त होगा।
इस पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदीं में स्नान करने से मनुष्य के सभी प्रकार के पाप तो धूल ही जाते हैं। इसके साथ ही उसकी समस्त इच्छाओं की पूर्ति भी होती है। 
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि माघ पूर्णिमा स्नान के दिन 9 फरवरी को  सूर्योदय से पूर्व तारों की छांव में स्नान करने से मनुष्य के घोर पाप भी धूल जाते हैं। इसलिए माघ पूर्णिमा को अत्यंत ही विशेष माना जाता है।
इसके अलावा इस दिन स्नान करने से व्यक्ति को मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। इसके साथ ही माघ पूर्णिमा को पितरों का तर्पण भी किया जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से न केवल उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है बल्कि आपको भी उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है। 
मघा नक्षत्र के नाम से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति होती है। मान्यता है कि माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयाग में स्नान, दान और जप करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
माघ पूर्णिमा के दिन दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन कंबल, स्वर्ण, तिल , वस्त्र और कपास का दान करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है।
इस दिन भगवान सत्यनारायण की विधिवत पूजा की जाती है और उनकी कथा सुनी जाती है।
*माघ पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्त्व*
जब चन्द्रमा अपनी ही राशि कर्क में होता है तथा सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि मकर में होता है तब माघ पूर्णिमा का योग बनता है। इस योग में सूर्य और चन्द्रमा एक दूसरे से आमने सामने होते है। इस योग को पुण्य योग भी कहा जाता है। इस योग में स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से मिलने वाले कष्ट शीघ्र ही नष्ट हो जाते है
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा

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