Guru purnima 16 july 2019 ko, 16 जुलाई को शाम 4:30 बजे तक होगी गुरुपूर्णिमा पूजा
16 जुलाई को शाम 4:30 बजे तक होगी गुरुपूर्णिमा पूजा
16 जुलाई मंगलवार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। गुरुपूर्णिमा तिथि 16 जुलाई सुबह 1 बजकर 48 मिनट से 17 जुलाई सुबह 3:07 बजे तक रहेगी।
गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा की जाती है। यह पर्व भारत मे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। हिन्दू धर्म मे गुरु को ईश्वर से भी श्रेष्ठ माना जाता है। क्योकि गुरु ही है जो इस संसार रूपी भव सागर को पार करने में सहायता करते है।
गुरु के ज्ञान और गुरु के द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर ही व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करता है।
इसी दिन चंद्र ग्रहण होने के कारण चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व यानी 16 जुलाई शाम 4:30 बजे से सूतक लग जायेगा। जिसके कारण गुरु पूजा शाम 4:30 बजे से पूर्व तक ही होगी।
इस दिन ऋषि वेद व्यास का जन्म हुआ था इसलिए गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही मनाई जाती है। क्योंकि वर्षा ऋतु का आरंभ होने के कारण ये चार माह मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते है। इन दिनों न अधिक गर्मी न अधिक सर्दी होती है।
इसलिए गुरुज्ञान अध्ययन के लिए यह माह उपयुक्त माने गए है।
इस दिन अपने गुरु के चित्र पर फूलमाला अर्पित करे, यदि गुरु जीवित हो तो स्वयं जाकर गुरु के चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लें।
तथा उन्हें पुष्पमाला पहना कर मिष्ठान या फल प्रदान करे।
इस दिन ब्राह्मणों व गरीबो को दान करने से भी पूण्य मिलता है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
16 जुलाई मंगलवार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। गुरुपूर्णिमा तिथि 16 जुलाई सुबह 1 बजकर 48 मिनट से 17 जुलाई सुबह 3:07 बजे तक रहेगी।
गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा की जाती है। यह पर्व भारत मे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। हिन्दू धर्म मे गुरु को ईश्वर से भी श्रेष्ठ माना जाता है। क्योकि गुरु ही है जो इस संसार रूपी भव सागर को पार करने में सहायता करते है।
इसी दिन चंद्र ग्रहण होने के कारण चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व यानी 16 जुलाई शाम 4:30 बजे से सूतक लग जायेगा। जिसके कारण गुरु पूजा शाम 4:30 बजे से पूर्व तक ही होगी।
इस दिन ऋषि वेद व्यास का जन्म हुआ था इसलिए गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही मनाई जाती है। क्योंकि वर्षा ऋतु का आरंभ होने के कारण ये चार माह मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते है। इन दिनों न अधिक गर्मी न अधिक सर्दी होती है।
इसलिए गुरुज्ञान अध्ययन के लिए यह माह उपयुक्त माने गए है।
इस दिन अपने गुरु के चित्र पर फूलमाला अर्पित करे, यदि गुरु जीवित हो तो स्वयं जाकर गुरु के चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लें।
तथा उन्हें पुष्पमाला पहना कर मिष्ठान या फल प्रदान करे।
इस दिन ब्राह्मणों व गरीबो को दान करने से भी पूण्य मिलता है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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