Gupt Navratri

गुप्त नवरात्रि 25 जनवरी से प्रारंभ होगी
गुप्त नवरात्रि 25 दिसम्बर, शनिवार  से प्रारंभ होगी और 3 फरवरी सोमवार नवमी तिथि को समाप्त होगी तथा नवरात्रि पारण 4 फरवरी को होगा। घटस्थापना मुहूर्त 25 जनवरी शनिवार प्रतिपदा तिथि को सुबह 9:53 बजे से 10:49 बजे तक व अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:17 बजे से 1:01 बजे तक रहेगा।
गुप्त नवरात्रि हिंदुओं के महत्वपूर्ण धार्मिक त्यौहार में से एक है। यह हिन्दू सभ्यता के अनुसार बहुत शुभ माना जाता है। लोगों को पौराणकि समय से इसमें आस्था और विश्वास है। मुख्य रूप से, यह देवी माँ शक्ति को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है ताकि जीवन में कोई तनाव न हो। यहां तक कि यदि आपकी कुछ समस्याएं हैं, तो आप किसी विशेष समस्या के लिए विशेष मंत्रों का जप करके उन समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आते हैं। जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ ध्रूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।
गुप्त नवरात्री में नौ दिनों तक उपवास रखने का विधान बताया गया है।  नवरात्री में पूजा रात में की जाती है
नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना की जा सकती है.
अगर कलश की स्थापना की है तो दोनों वेला मंत्र जाप,चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए.
 दोनों ही समय आरती भी करना अच्छा होगा
 नौ दिन व्रत रखने वाले साधकों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। नमक एवं अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। दिन में सोना नहीं चाहिए। किसी को भी अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। नारी का अपमान नहीं करना चाहिए। नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशति का पाठ करना चाहिए।
25 जनवरी शनिवार प्रतिपदा तिथि को घटस्थापना व शैलपुत्री देवी की पूजा होगी।
26 जनवरी रविवार द्वितीया तिथि को ब्रह्मचारणी देवी पूजा
27 जनवरी सोमवार तृतीया तिथि को चंद्रघंटा देवी पूजा।
28 जनवरी मंगलवार तृतीय तिथि
29 जनवरी बुधवार चतुर्थी तिथि को कुष्मांडा देवी पूजा।
30 जनवरी गुरुवार पंचमी तिथि को स्कन्धमाता पूजा।
31 जनवरी शुक्रवार षष्टी तिथि को कात्यानी पूजा।
1 फरवरी शनिवार सप्तमी तिथि को कालरात्रि देवी पूजा।
2 फरवरी रविवार अष्टमी तिथि को महागौरी पूजा।
3 फरवरी सोमवार नवमी तिथि को सिद्धिदात्री पूजा।
4 फरवरी मंगलवार दशमी तिथि को नवरात्रि पारण।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा

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