Basant Panchmi
बसन्त पंचमी पर्व 30 जनवरी को मनाया जाएगा
बसन्त पंचमी का पर्व माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 30 जनवरी को मनाया जायेगा। बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्तों में शामिल किया जाता है. बसंत पंचमी के दिन शुभ कार्य जिसमें विवाह, भवन निर्माण, कूप निर्माण, फैक्ट्री आदि का शुभारम्भ, शिक्षा संस्थाओं का उद्धघाटन करने के लिये शुभ मुहूर्त के रुप में प्रयोग किया जाताबसन्त पंचमी के दिन भगवान ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि श्रीविष्णु, श्री कृष्ण-राधा व शिक्षा की देवी माता सरस्वती की पूजा पीले फूल, गुलाल, अर्ध्य, धूप, दीप, आदि द्वारा की जा जाती है. पूजा में पीले व मीठे चावल व पीले हलुवे का श्रद्धा से भोग लगाकर, स्वयं इनका सेवन करने की परम्परा है।
माता सरस्वती बुद्धि व संगीत की देवी है। पंचमी के दिन को माता सरस्वती के जन्मोत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। यह पर्व ऋतुओं के राजा का पर्व भी है।
एक किंवदन्ती के अनुसार इस दिन ब्रह्मा जी ने सृ्ष्टि की रचना की थी। यह त्यौहार उतर भारत में पूर्ण हर्ष- उल्लास से मनाया जाता है. एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम ने माता शबरी के झूठे बैर खाये थे. इस उपलक्ष में बसन्त पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है.
बसन्त पंचमी की विशेषता
बसन्त पंचमी को जीवन की शुरुआत का दिन माना जाता है. यह दिन खुशियों के आगमन का दिन है. बसंत का मौसम बहार का मौसम होता है, इस माह में खेतों में चारों ओर पीली सरसों सबका मन मोह लेती है. गेंहू की बालियां सोने का रुप ले लह-लहाने लगती है. रंग- बिरंगी फूल खिलने लगते है. बसन्त पंचमी के दिन को रंगों, खुशियों के स्वागत के रुप में भी मनाया जाता है।
बसन्त पंचमी में पंतगंबाजी उत्सव
बसन्त पंचमी के दिन पूजा उपासना के साथ साथ पंतगबाजी के उत्सव भी आयोजित किये जाते है. इन उत्सवों में देश -विदेश से प्रतियोगी भाग लेते है. पंतग उडाने की परम्परा की शुरुआत चीन देश से हुई. पंतगबाजी उत्सवों में नई- नई व विचित्र पंतगों को देखने का अवसर प्राप्त होता है.
माता शारदा के पूजन के लिये भी बसंत पंचमी का दिन विशेष शुभ रहता है. इस दिन 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को पीले-मीठे चावलों का भोजन कराया जाता है. तथा उनकी पूजा की जाती है. मां शारदा और कन्याओं का पूजन करने के बाद पीले रंग के वस्त्र और आभूषण कुमारी कन्याओ, निर्धनों व विप्रों को दिने से परिवार में ज्ञान, कला व सुख -शान्ति की वृ्द्धि होती है. इसके अतिरिक्त इस दिन पीले फूलों से शिवलिंग की पूजा करना भी विशेष शुभ माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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