shardiya Navratri, शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर से 9 दिनों की रहेगी
शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर से 9 दिनों की रहेगी
शारदीय नवरात्र में इस वर्ष देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर और वापसी घोड़े पर होगी। देवी का आगमन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर 29 सितंबर को होगा और विदाई दशमी तिथि पर आठ अकटुबर को होगी।
इस वर्ष नवरात्र पूरे नौ दिन का होगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की पहले दिन यानी 29 सितंबर को विधि विधान से घट स्थापना होगी। उसके बाद से नवरात्रि के व्रत प्रारंभ होंगे। इन 9 दिनों में माता के 9 स्वरुपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। इस बार दशहरा 08 अक्टूबर को है।
29 सितंबर- प्रतिपदा - पहला दिन, घट या कलश स्थापना। इस दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होगी।
30 सितंबर- द्वितीया - दूसरा दिन। इस दिन माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है।
1 अक्टूबर- तृतीया - तीसरा दिन। इस दिन दुर्गा जी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाएगी।
2 अक्टूबर- चतुर्थी - चौथा दिन। माता दुर्गा के कुष्मांडा स्वरुप की पूजा-अर्चना होगी।
3 अक्टूबर- पंचमी - पांचवां दिन- इस दिन मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है।
4 अक्टूबर- षष्ठी- छठा दिन- इस दिन माता दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा होती है।
5 अक्टूबर- सप्तमी- सातवां दिन- इस दिन माता दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की आराधना की जाती है।
6 अक्टूबर- अष्टमी - आठवां दिन- दुर्गा अष्टमी पूजन। इस दिन माता दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है।
7 अक्टूबर- नवमी - नौवां दिन- नवमी हवन, नवरात्रि पारण।
8 अक्टूबर- दशमी- जिन लोगों ने माता दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना की होगी, वे विधि विधान से माता का विसर्जन करेंगे। इस दिन विजयादशमी या दशहरा मनाया जाएगा।
25 अकटुबर शुक्रवार को धनतेरस व 27 अकटुबर रविवार को दीपावली मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
शारदीय नवरात्र में इस वर्ष देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर और वापसी घोड़े पर होगी। देवी का आगमन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर 29 सितंबर को होगा और विदाई दशमी तिथि पर आठ अकटुबर को होगी।
इस वर्ष नवरात्र पूरे नौ दिन का होगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की पहले दिन यानी 29 सितंबर को विधि विधान से घट स्थापना होगी। उसके बाद से नवरात्रि के व्रत प्रारंभ होंगे। इन 9 दिनों में माता के 9 स्वरुपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। इस बार दशहरा 08 अक्टूबर को है।
29 सितंबर- प्रतिपदा - पहला दिन, घट या कलश स्थापना। इस दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होगी।
30 सितंबर- द्वितीया - दूसरा दिन। इस दिन माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है।
1 अक्टूबर- तृतीया - तीसरा दिन। इस दिन दुर्गा जी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाएगी।
2 अक्टूबर- चतुर्थी - चौथा दिन। माता दुर्गा के कुष्मांडा स्वरुप की पूजा-अर्चना होगी।
3 अक्टूबर- पंचमी - पांचवां दिन- इस दिन मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है।
4 अक्टूबर- षष्ठी- छठा दिन- इस दिन माता दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा होती है।
5 अक्टूबर- सप्तमी- सातवां दिन- इस दिन माता दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की आराधना की जाती है।
6 अक्टूबर- अष्टमी - आठवां दिन- दुर्गा अष्टमी पूजन। इस दिन माता दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है।
7 अक्टूबर- नवमी - नौवां दिन- नवमी हवन, नवरात्रि पारण।
8 अक्टूबर- दशमी- जिन लोगों ने माता दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना की होगी, वे विधि विधान से माता का विसर्जन करेंगे। इस दिन विजयादशमी या दशहरा मनाया जाएगा।
25 अकटुबर शुक्रवार को धनतेरस व 27 अकटुबर रविवार को दीपावली मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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