सर्वपितृ मोक्ष अमावस पर बनेगा पंचग्रही योग, panch grahi yog on amavas
सर्वपितृ मोक्ष अमावस पर बनेगा पंचग्रही योग
इस वर्ष पितृपक्ष की अमावस्या तिथि 28 सितंबर शनिवार पर मोक्ष अमावस्या का योग बन रहा है। इस तिथि पर जल तर्पण से पितृ न सिर्फ तृप्त होंगे अपितु उनके आशीर्वाद से सफलता और समृद्धि के द्वार भी खुलेंगे। यह सुयोग सौ बाधाओं से मुक्ति दिलाने वाला भी है।
28 सितंबर को शनिवार और सर्वपितृ अमावस्या का सुयोग इसे मोक्ष अमावस्या की श्रेणी प्रदान कर रहा है। उसी दिन धृति योग भी बन रहा है। धृति योग के स्वामी जल देवता हैं इसलिए उस दिन पितरों का जल से तर्पण विशेष महत्व और प्रभाव वाला होगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की इस सर्वपितृ अमावस पर पंचग्रही योग बन रहा है। 28 सितंबर को कन्या राशि मे सूर्य, चंद्र, मंगल,बुध व शुक्र ग्रह एक साथ होंगे। अमूमन बनने वाले पंचग्रही योग शुभ होते ज्योतिषियों का मत है कि पंचग्रही योग यदि शुभ ग्रहों से बने तो यह काफी लाभदायक साबित होता है।
जिस भी जातक के कुंडली में यह संयोग बनता है। वह जीवन में कई सफलताओं को हासिल करने में सफल होता है। उसे मान सम्मान के साथ ही धन लाभ भी होता है। करियर में भी बढ़ोतरी होती है। पंचग्रही योग में यदि शुभ ग्रहों की उपस्थिति अधिक हो व पाप ग्रह कम हो तो ये बहुत ही अच्छा परिणाम देने वाला होता है। परंतु पाप ग्रह ज्यादा व शुभ ग्रह कम होतो यह कुछ खास लाभ नहीं देता है। इसके विपरीत हानि का सामना करना पड़ सकता है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
इस वर्ष पितृपक्ष की अमावस्या तिथि 28 सितंबर शनिवार पर मोक्ष अमावस्या का योग बन रहा है। इस तिथि पर जल तर्पण से पितृ न सिर्फ तृप्त होंगे अपितु उनके आशीर्वाद से सफलता और समृद्धि के द्वार भी खुलेंगे। यह सुयोग सौ बाधाओं से मुक्ति दिलाने वाला भी है।
28 सितंबर को शनिवार और सर्वपितृ अमावस्या का सुयोग इसे मोक्ष अमावस्या की श्रेणी प्रदान कर रहा है। उसी दिन धृति योग भी बन रहा है। धृति योग के स्वामी जल देवता हैं इसलिए उस दिन पितरों का जल से तर्पण विशेष महत्व और प्रभाव वाला होगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की इस सर्वपितृ अमावस पर पंचग्रही योग बन रहा है। 28 सितंबर को कन्या राशि मे सूर्य, चंद्र, मंगल,बुध व शुक्र ग्रह एक साथ होंगे। अमूमन बनने वाले पंचग्रही योग शुभ होते ज्योतिषियों का मत है कि पंचग्रही योग यदि शुभ ग्रहों से बने तो यह काफी लाभदायक साबित होता है।
जिस भी जातक के कुंडली में यह संयोग बनता है। वह जीवन में कई सफलताओं को हासिल करने में सफल होता है। उसे मान सम्मान के साथ ही धन लाभ भी होता है। करियर में भी बढ़ोतरी होती है। पंचग्रही योग में यदि शुभ ग्रहों की उपस्थिति अधिक हो व पाप ग्रह कम हो तो ये बहुत ही अच्छा परिणाम देने वाला होता है। परंतु पाप ग्रह ज्यादा व शुभ ग्रह कम होतो यह कुछ खास लाभ नहीं देता है। इसके विपरीत हानि का सामना करना पड़ सकता है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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