सावित्री अमावस्या सौभाग्यवती स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व

3 जून को वट सावित्री व्रत रखेगी सौभाग्यवती महिलाये
वट सावित्री व्रत 3 जून सोमवार,ज्येष्ठ मास, कृष्णपक्ष की अमावस को रखा जाएगा। सौभाग्य की कामना करते हुए सौभाग्यवती महिलाये वट सावित्री के व्रत को अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है । इस बार वट सावित्री व्रत अमावस तिथि सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी, जिससे सौभाग्यवती महिलाओ की मनोकामना पूर्ण होगी। जो कि 2 जून शाम 4:39 बजे से प्रारंभ होकर 3 जून को शाम 3:31 बजे तक रहेगी। वट सावित्री अमावस्या के दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। हिन्दू धर्म मे वट सावित्री अमावस्या सौभाग्यवती स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व है।
वट वृक्ष के नीचे सावित्री -सत्यवान की कथा का श्रवण करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
3 जून को ही शनि जयंती के पर्व भी मनाया जाएगा
इस दिन सोमवार अमावस होने के कारण सोमवती अमावस शनि जयंती मनाई जाएगी। जिन जातकों पर साढेसाती व ढइया चल रहा है शनि जयंती पर शनि की पूजा व शनि की वस्तुओं का दान करने से कष्टों का निवारण होता है।

वट वृक्ष पूजन विधि
इस दिन सौभाग्यवती महिलाये सुबह उठकर स्नान आदि करके शुद्ध होने के पश्चात नए वस्त्र धारण करती है व सोलह श्रंगार करती है। उसके पश्चात एक टोकरी में पूजन की सारी सामिग्री को रख कर वट वृक्ष के पास पहुचकर, वहाँ की साफ-सफाई करने के पश्चात उस टोकरी को वह रखा जाता है। उस वट वृक्ष के नीचे बैठकर सबसे पहले सावित्री और सत्यवान की मूर्ति को स्थापित किया जाता है। धूप, दीप, रोली, भिगोये हुए चने, सिंदूर आदि सामिग्री से वट सावित्री की पूजा की जाती है। वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री-सत्यवान की  कथा पड़ी जाती है या श्रवण किया जाता है।तथा वट वृक्ष को पानी से सींचा जाता है। उसके पश्चात वट वृक्ष के 5, 11, 21, 51 या 108 बार धागा लपेटते हुए वट वृक्ष की परिक्रमा की जाती है। धागे को रक्षा सूत्र के रूप में लपेटा जाता है व अपने पति की लंबी उम्र की कामना की जाती है। पूजा समाप्ति के पश्चात ब्राह्मणों को वस्त्र तथा फल आदि वस्तुए बांस के पात्र में रखकर दान की जाती है। साथ ही अपने पति को रोली और अक्षत लगाकर चरणस्पर्श कर प्रसाद मिष्ठान वितरित करें। इस दिन नव दम्पति जोड़े वट वृक्ष की पूजा बड़े धूमधाम से बैंड बाजो के साथ करते है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा

Comments

Popular posts from this blog

Hariyali amavas puja vidhi

nav varsh 2024 par banega maha lakshmi yog

Dev Guru prajapati ka kumbh rashi me transit