भानु सप्तमी रविवार को विशेष महत्व
भानु सप्तमी रविवार को
26 मई रविवार ज्येष्ठ कृष्णपक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी मनाई जाएगी। ग्रंथो के अनुसार सूर्य सप्तमी या भानु सप्तमी का विशेष महत्व माना गया है। इस बार भानु सप्तमी पर शुभ सयोंग बन रहा है। रविवार सूर्य देव का वार है उसी दिन भानु सप्तमी होने के कारण सूर्य देव की उपासना करने से पूण्य लाभ होगा, इस दिन सूर्य पूजा व व्रत रखने से मन की शांति और अच्छी स्मरण शक्ति मिलती है। साथ ही मान सम्मान व यश की प्राप्ति होती है। सूर्य की पूजा से सभी रोगों से छुटकारा मिलता है।तथा सभी प्रकार के पापो व दुखो से छुटकारा मिलता है।
सूर्य देव को अधर्य कैसे दें
सूर्य सप्तमी पर प्रातःकाल सूर्य को अधर्य देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। सुबह उठकर नित्यकर्म स्नान के पश्चात एक तांबे के लोटे में साफ पानी भरकर उसमे रोली,अक्षत, चीनी व लाल फूल डालकर ॐ सूर्याय नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए अधर्य देना चाहिए। एसा करने से सूर्य देव की कृपा मिलेगी एवं जिन जातकों की कुंडली मे सूर्य ग्रहण है, सूर्य व राहु एक साथ बैठे है उन जातको को राहु के दुष्परिणामो से राहत मिलेगी व जातक के द्वारा किये गए कार्यो का शीघ्र फल प्राप्त होगा। और उनके भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होगा।
इस दिन व्रत करके रात्रि को भोजन किया जाता है एवं दान करने का भी अधिक महत्व है। एसा करने से घर मे लक्ष्मी का वास होता है और निरोगी काया होती है। स्वास्थ्य अच्छा रहता है, लंबी आयु व यश में वृद्धि होती है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
26 मई रविवार ज्येष्ठ कृष्णपक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी मनाई जाएगी। ग्रंथो के अनुसार सूर्य सप्तमी या भानु सप्तमी का विशेष महत्व माना गया है। इस बार भानु सप्तमी पर शुभ सयोंग बन रहा है। रविवार सूर्य देव का वार है उसी दिन भानु सप्तमी होने के कारण सूर्य देव की उपासना करने से पूण्य लाभ होगा, इस दिन सूर्य पूजा व व्रत रखने से मन की शांति और अच्छी स्मरण शक्ति मिलती है। साथ ही मान सम्मान व यश की प्राप्ति होती है। सूर्य की पूजा से सभी रोगों से छुटकारा मिलता है।तथा सभी प्रकार के पापो व दुखो से छुटकारा मिलता है।
सूर्य देव को अधर्य कैसे दें
सूर्य सप्तमी पर प्रातःकाल सूर्य को अधर्य देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। सुबह उठकर नित्यकर्म स्नान के पश्चात एक तांबे के लोटे में साफ पानी भरकर उसमे रोली,अक्षत, चीनी व लाल फूल डालकर ॐ सूर्याय नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए अधर्य देना चाहिए। एसा करने से सूर्य देव की कृपा मिलेगी एवं जिन जातकों की कुंडली मे सूर्य ग्रहण है, सूर्य व राहु एक साथ बैठे है उन जातको को राहु के दुष्परिणामो से राहत मिलेगी व जातक के द्वारा किये गए कार्यो का शीघ्र फल प्राप्त होगा। और उनके भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होगा।
इस दिन व्रत करके रात्रि को भोजन किया जाता है एवं दान करने का भी अधिक महत्व है। एसा करने से घर मे लक्ष्मी का वास होता है और निरोगी काया होती है। स्वास्थ्य अच्छा रहता है, लंबी आयु व यश में वृद्धि होती है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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