होलाष्टक 14 मार्च से 21 मार्च तक होलाष्टक से शुरू होने वाले कार्य, अपनी राशि अनुसार रंगों से खेले होली
होलाष्टक 14 मार्च से 21 मार्च तक
20मार्च बुधवार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन पर्व मनाया जाएगा। होलाष्टक होली पर्व की सूचना लेकर आता है। होली के आठ दिन पूर्व होलाष्टक प्रारम्भ हो जाता है। जो कि इस वर्ष 14 मार्च से प्रारंभ होगा और होलिका धुलंडी के दिन 21 मार्च तक रहेगा।
इसी के साथ होलाष्टक के मध्य दिनों में 16 संस्कारों में से किसी भी संस्कार को शुभ नही माना जाता। यहां तक कि अंतिम संस्कार करने से पूर्व शांति कार्य किया जाता है।
होलीका दहन का शुभ मुहूर्त 20 मार्च बुधवार को रात्रि 8:20 के पश्चात होगा। 21 मार्च को धुलंडी उत्सव मनाया जाएगा। जिसमे लोग एक दूसरे पर गुलाल व रंग डालकर यह उत्सव मनाते है। इसे रंगोत्सव के रूप में जाना जाता है।
होलाष्टक से शुरू होने वाले कार्य
सबसे पहले होलाष्टक शुरू होने वाले दिन होलिका दहन के लिए स्थान चुनाव किया जाता है। उस स्थान को गंगाजल से शुद्ध करके उस स्थान पर होलिका डंडा स्थापित किया जाता है। प्रतिदिन उस स्थान पर सुखी लकड़िया, गोबर के सूखे उपले एकत्र कर रखे जाते है। जिससे होलिका दहन के दिन यहां लकड़ियों व उपलों का ढेर बन जाता है। होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त में होली का पूजन कर दहन किया जाता है। उस समय से बच्चे व बड़े हल्की फुल्की होली खेलना प्रारम्भ करते है व बच्चे बड़ो के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लेते है। यह हिन्दुओ का सबसे पवित्र व उमंग भर त्योहार है, जिसमे स्त्री-पुरुष, बाल वृद्ध उत्साह व प्रसंतापूर्वक होलिका दहन करते हुए प्रारंभिक गीत, फॉग आदि गाते है, तथा नृत्य कर उत्सव को मानते है।
होली रंगों, मेल मिलाप, मौज मस्ती का का त्योहार है। रंग हमे केवल लुभाते ही नही, बल्कि हमारे मन और शरीर पर प्रत्यक्ष रूप से असर डालते है। होली के त्योहार पर दुश्मन भी गीले शिकवे भुलाकर एक दूसरे के गले मिलते है।
पौराणिक मान्यता
यह माना जाता है कि जब भगवान शिव ने क्रोध में आकर कामदेव को भस्म किया था वह दिन होलाष्टक की शुरुवात माना जाता है।
हिरणाकश्यप की बहन को न जलने का वरदान होने के कारण हिरणाकश्यप ने होलिका की गोद मे प्रह्लाद को बैठा कर उसके चारों और अग्नि प्रज्वलित की थी जिससे होलिका तो जल गई मगर प्रह्लाद को कुछ नही हुआ। इस कारण उस दिन से होलिका दहन मनाया जाता है।
वैसे इस दिन से मौसम में बदलाव आना प्रारम्भ हो जाता है, सर्दियां अलविदा कहने लगती है, और गर्मियों का आगमन होने लगता है।
होली का त्योहार पंजाब में सबसे अधिक हर्षोउल्लास से मनाया जाता है। इसके अलावा मथुरा वृन्दाबन की होली देखने लायक होती है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाण, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा एवम् गोआ में भी होली का त्योहार अलग ढंग से मनाने का चलन है।
भाई दूज का त्योहार
होली के बाद 22 मार्च शुक्रवार , द्वितीय तिथि को देश भर में भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। जो कि भाई बहन के पारस्परिक प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है, व लंबी उम्र का आशीर्वाद देती है। बदले में भाई अपनी बहन को तोहफे के साथ उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
अपनी राशि अनुसार रंगों से खेले होली
20मार्च बुधवार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन पर्व मनाया जाएगा। होलाष्टक होली पर्व की सूचना लेकर आता है। होली के आठ दिन पूर्व होलाष्टक प्रारम्भ हो जाता है। जो कि इस वर्ष 14 मार्च से प्रारंभ होगा और होलिका धुलंडी के दिन 21 मार्च तक रहेगा।
होलीका दहन का शुभ मुहूर्त 20 मार्च बुधवार को रात्रि 8:20 के पश्चात होगा। 21 मार्च को धुलंडी उत्सव मनाया जाएगा। जिसमे लोग एक दूसरे पर गुलाल व रंग डालकर यह उत्सव मनाते है। इसे रंगोत्सव के रूप में जाना जाता है।लोगो को अपनी राशि के अनुसार रंगों का प्रयोग करना चाहिए
मेष राशि आपका रंग लाल व नारंगी है। और पीले रंग के सभी शेड्स आप प्रयोग कर सकते है। जिससे आपको शक्ति व स्फूर्ति मिलेगी।
वृषभ राशि आपके लिए नीले, काले और हरे रंग के सभी शेड्स उपयुक्त है। इन रंगों से खेलने पर आप ऊर्जावान बने रहेंगे।
मिथुन राशि आपका रंग हरा है। हरे रंग से होली खेलने पर आप तनावमुक्त रहेंगे।
कर्क राशि आपका रंग क्रीम है। जो कि चंदमा का रंग है, यह रंग आपकी मानसिक शक्ति को बढ़ाएगा।
सिंह राशि आपका रंग नारंगी, गुलाबी एवम् लाल है। आप इन रंगों के अलावा पीले रंग के सभी शेड्स प्रयोग कर सकते है। ये रंग आपमे जोश और उमंग पैदा करेंगे।
कन्या राशि गहरा हरा रंग आपके लिए ऊर्जावान है। आप इस रंग से होली खेले। ये रंग आपका तनाव दूर करेगा।
तुला राशि आपका रंग नीला, कला और हरा है। ये सभी रंग आपके लिए लाभकारी है।
वृश्चिक राशि आपका रंग लाल है। लाल रंग से होली खेलने पर ये रंग आपको ऊर्जावान बनाएगा।
धनु राशि आपका रंग पीला व लाल है। खुद पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए पीला रंग आपकी मदद करेगा।
मकर राशि बैंगनी, नीला और काला आपके रंग है। इन रंगों के प्रयोग से शांति रहेगी।
कुम्भ राशि आपके रंग काला,नीला व बैंगनी है। जो कि आपके लिए लाभकारी रहेगा।
मीन राशि आपका रंग लाल व पीला है। इन रंगों से होली खेलने से लाभ होगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
20मार्च बुधवार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन पर्व मनाया जाएगा। होलाष्टक होली पर्व की सूचना लेकर आता है। होली के आठ दिन पूर्व होलाष्टक प्रारम्भ हो जाता है। जो कि इस वर्ष 14 मार्च से प्रारंभ होगा और होलिका धुलंडी के दिन 21 मार्च तक रहेगा।
इसी के साथ होलाष्टक के मध्य दिनों में 16 संस्कारों में से किसी भी संस्कार को शुभ नही माना जाता। यहां तक कि अंतिम संस्कार करने से पूर्व शांति कार्य किया जाता है।
होलीका दहन का शुभ मुहूर्त 20 मार्च बुधवार को रात्रि 8:20 के पश्चात होगा। 21 मार्च को धुलंडी उत्सव मनाया जाएगा। जिसमे लोग एक दूसरे पर गुलाल व रंग डालकर यह उत्सव मनाते है। इसे रंगोत्सव के रूप में जाना जाता है।
होलाष्टक से शुरू होने वाले कार्य
सबसे पहले होलाष्टक शुरू होने वाले दिन होलिका दहन के लिए स्थान चुनाव किया जाता है। उस स्थान को गंगाजल से शुद्ध करके उस स्थान पर होलिका डंडा स्थापित किया जाता है। प्रतिदिन उस स्थान पर सुखी लकड़िया, गोबर के सूखे उपले एकत्र कर रखे जाते है। जिससे होलिका दहन के दिन यहां लकड़ियों व उपलों का ढेर बन जाता है। होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त में होली का पूजन कर दहन किया जाता है। उस समय से बच्चे व बड़े हल्की फुल्की होली खेलना प्रारम्भ करते है व बच्चे बड़ो के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लेते है। यह हिन्दुओ का सबसे पवित्र व उमंग भर त्योहार है, जिसमे स्त्री-पुरुष, बाल वृद्ध उत्साह व प्रसंतापूर्वक होलिका दहन करते हुए प्रारंभिक गीत, फॉग आदि गाते है, तथा नृत्य कर उत्सव को मानते है।
होली रंगों, मेल मिलाप, मौज मस्ती का का त्योहार है। रंग हमे केवल लुभाते ही नही, बल्कि हमारे मन और शरीर पर प्रत्यक्ष रूप से असर डालते है। होली के त्योहार पर दुश्मन भी गीले शिकवे भुलाकर एक दूसरे के गले मिलते है।
पौराणिक मान्यता
यह माना जाता है कि जब भगवान शिव ने क्रोध में आकर कामदेव को भस्म किया था वह दिन होलाष्टक की शुरुवात माना जाता है।
हिरणाकश्यप की बहन को न जलने का वरदान होने के कारण हिरणाकश्यप ने होलिका की गोद मे प्रह्लाद को बैठा कर उसके चारों और अग्नि प्रज्वलित की थी जिससे होलिका तो जल गई मगर प्रह्लाद को कुछ नही हुआ। इस कारण उस दिन से होलिका दहन मनाया जाता है।
वैसे इस दिन से मौसम में बदलाव आना प्रारम्भ हो जाता है, सर्दियां अलविदा कहने लगती है, और गर्मियों का आगमन होने लगता है।
होली का त्योहार पंजाब में सबसे अधिक हर्षोउल्लास से मनाया जाता है। इसके अलावा मथुरा वृन्दाबन की होली देखने लायक होती है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाण, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा एवम् गोआ में भी होली का त्योहार अलग ढंग से मनाने का चलन है।
भाई दूज का त्योहार
होली के बाद 22 मार्च शुक्रवार , द्वितीय तिथि को देश भर में भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। जो कि भाई बहन के पारस्परिक प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है, व लंबी उम्र का आशीर्वाद देती है। बदले में भाई अपनी बहन को तोहफे के साथ उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
अपनी राशि अनुसार रंगों से खेले होली
20मार्च बुधवार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन पर्व मनाया जाएगा। होलाष्टक होली पर्व की सूचना लेकर आता है। होली के आठ दिन पूर्व होलाष्टक प्रारम्भ हो जाता है। जो कि इस वर्ष 14 मार्च से प्रारंभ होगा और होलिका धुलंडी के दिन 21 मार्च तक रहेगा।
होलीका दहन का शुभ मुहूर्त 20 मार्च बुधवार को रात्रि 8:20 के पश्चात होगा। 21 मार्च को धुलंडी उत्सव मनाया जाएगा। जिसमे लोग एक दूसरे पर गुलाल व रंग डालकर यह उत्सव मनाते है। इसे रंगोत्सव के रूप में जाना जाता है।लोगो को अपनी राशि के अनुसार रंगों का प्रयोग करना चाहिए
मेष राशि आपका रंग लाल व नारंगी है। और पीले रंग के सभी शेड्स आप प्रयोग कर सकते है। जिससे आपको शक्ति व स्फूर्ति मिलेगी।
वृषभ राशि आपके लिए नीले, काले और हरे रंग के सभी शेड्स उपयुक्त है। इन रंगों से खेलने पर आप ऊर्जावान बने रहेंगे।
मिथुन राशि आपका रंग हरा है। हरे रंग से होली खेलने पर आप तनावमुक्त रहेंगे।
कर्क राशि आपका रंग क्रीम है। जो कि चंदमा का रंग है, यह रंग आपकी मानसिक शक्ति को बढ़ाएगा।
सिंह राशि आपका रंग नारंगी, गुलाबी एवम् लाल है। आप इन रंगों के अलावा पीले रंग के सभी शेड्स प्रयोग कर सकते है। ये रंग आपमे जोश और उमंग पैदा करेंगे।
कन्या राशि गहरा हरा रंग आपके लिए ऊर्जावान है। आप इस रंग से होली खेले। ये रंग आपका तनाव दूर करेगा।
तुला राशि आपका रंग नीला, कला और हरा है। ये सभी रंग आपके लिए लाभकारी है।
वृश्चिक राशि आपका रंग लाल है। लाल रंग से होली खेलने पर ये रंग आपको ऊर्जावान बनाएगा।
धनु राशि आपका रंग पीला व लाल है। खुद पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए पीला रंग आपकी मदद करेगा।
मकर राशि बैंगनी, नीला और काला आपके रंग है। इन रंगों के प्रयोग से शांति रहेगी।
कुम्भ राशि आपके रंग काला,नीला व बैंगनी है। जो कि आपके लिए लाभकारी रहेगा।
मीन राशि आपका रंग लाल व पीला है। इन रंगों से होली खेलने से लाभ होगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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