dhanu sankranti शुभ कार्यो पर लगेगा विराम

*धनु संक्रांति से शुभकार्यो पर लगेगा विराम*
सूर्य ग्रह 16 दिसंबर 2021 को प्रातः 3 बजकर 28 मिनट पर अपनी मित्र राशि धनु राशि में प्रवेश करेंगे, और 14 जनवरी 2022 दोपहर 2 बजकर 29 मिनट तक इसी राशि में रहेंगे। 
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि धनु संक्रांति से मकर संक्रांति तक के काल को खरमास कहा जाता है। इस काल में सभी शुभ कार्य वर्जित माने गए है।इस काल में भगवान विष्णु की पूजा और भगवान सूर्य की उपासना का विशेष महत्व है।
*क्यों नही होते खरमास में मांगलिक कार्य*
धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य की चाल धीमी होती है इसलिए इस दौरान किया गया कोई भी कार्य शुभ फल प्रदान नहीं करता है।
इस दौरान हिंदू धर्म में बताए गए संस्कार, जैसे मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ, वधू प्रवेश, सगाई, विवाह आदि कोई भी कार्य नहीं किया जाता है।
मान्यता है कि सूर्य देव जब भी देवगुरु बृहस्पति की राशि पर भ्रमण करते हैं, तो मनुष्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता. ऐसे में उनका सूर्य कमजोर हो जाता है और उन्हें मलीन माना जाता है.  सूर्य के मलीन होने के कारण इस माह को मलमास भी कहा जाता है।
*खरमास को लेकर एक पौराणिक कथा* 
भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते है। सूर्यदेव को कहीं भी रुकने की इजाजत नहीं है। लेकिन रथ के घोड़े लगातार चलने के कारण थक जाते हैं। जब घोड़ों की ऐसी हालत देखकर सूर्यदेव घोड़ों को तालाब के किनारे ले गए, तो देखा कि वहां दो खर मौजूद हैं। भगवान सूर्यदेव ने घोड़ों को पानी पीने और विश्राम देने के लिए वहां छोड़ दिया और खर यानी गधों को रथ में जोड़ लिया।इस दौरान रथ की गति धीमी हो गई। जैसे-तैसे सूर्यदेव एक मास का चक्र पूरा करते हैं। घोड़े भी​ विश्राम कर चुके होते हैं, सूर्य का रथ फिर से अपनी गति में लौट आता है। इस तरह हर साल ये क्रम चलता रहता है। इस प्रकार हर साल खरमास लगता है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा

Comments

Popular posts from this blog

मंगल ग्रह का नीच राशि मे प्रवेश, शत्रु ग्रह बुध के साथ बनेगी युति

guru transit in Dhanu rashi, 5 नवंबर को गुरु अपनी ही राशि धनु राशि मे गोचर करेंगे

Guru purnima 16 july 2019 ko, 16 जुलाई को शाम 4:30 बजे तक होगी गुरुपूर्णिमा पूजा