Goga navmi 31 august 2021
*नागों के देवता गोगा देव की पूजा गोगा नवमी पर होगी*
गोगा नवमी 31 अगस्त मंगलवार नवमी तिथि को मनाई जाएगी। गोगा नवमी बेहद धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि नवमी तिथि का प्रारंभ 31अगस्त सुबह 2:00 बजे से 01 सितंबर, सुबह 4:23 बजे तक रहेगी।
गोगा नवमी पर, भक्त गोगाजी की मूर्ति का पूजन करते हैं। गोगा देव नीले रंग के घोड़े की सवारी करते हुए दिखाई देते हैं और पीले और नीले झंडे भी रखते हैं। गोगा देव जिनका नाम जाहरवीर था, एक शक्तिशाली राजपूत राजकुमार थे। जिनके पास विषैले सांपों को नियंत्रित करने के लिए अलौकिक शक्तियां थी। ऐसी मान्यता है कि गोगा देव की पूजा करने से सांपों से रक्षा होती है। हिंदुओं का मानना है कि इस दिन गोगा देव की पूजा करने से सांप और अन्य बुराइयों से उनकी रक्षा होती है। इसलिए विवाहित महिलाएं गोगा नवमी पर गोगा देव की पूजा करती है, और अपने बच्चों की सलामती और खुशहाली के लिए उनसे प्रार्थना करती हैं। कुछ निःसंतान विवाहित महिलाएं भी इस दिन प्रार्थना करती हैं कि उन्हें संतान की प्राप्ति हो।
*ग्वालियर शहर में निकाली जाती है,विजय पताका*
गोगादेव जाहरवीर की जयंती पर वाल्मीकि समाज द्वारा मेले का आयोजन किया जाता है।वहीं कटीघाटी एवं ग्वालियर किलागेट पर भी मेले का आयोजन किया जाता है। माधव गंज में बना है परमवीर लोक देवता श्री गोगा जी मंदिर। रक्षा बंधन से विजय पताका निकलना शुरू हो जाती है, गोगा नवमी के दिन सभी स्थानों से विजय पताकाओं को टोलियों के रूप में बैंड बाजे एवं ढोल ताशे बजाते हुए एकत्रित होते है।
*1000 साल से प्रति वर्ष निभा रहे हैं ये परम्परा*
11 वीं शताब्दी में गोगा जाहरवीर चौहान का जन्म हुआ था। अंतिम युद्ध में जाने से पहले उन्होंने अपने सेनापति रतनसिंह वाल्मीकि के पिता श्याम वाल्मीकि को यह धर्मध्वजा सौंपी थी। इसी के प्रतीक को नेजे के रूप में एक हजार साल से वाल्मीकि समाज द्वारा निभाया जा रहा है।मन्नत के रूप में पताका पर नारियल अर्पित किया जाता है। नारियल विजय पताका पर भक्तों द्वारा मनोकामनाओं के लिए बांधे जाते हैं। साथ ही जिन लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, वह भी भगवान को नारियल अर्पित करते हैं।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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