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Showing posts from April, 2021

navratri puja

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*ग्वालियर शहर में माता के कई सारे दशकों पुराने मंदिर है जिनकी नवरात्रि पर अष्टमी व नवमी की पूजा होती है* ग्वालियर शहर में कई दशकों पुराने ऐसे मंदिर है जिनकी विचित्र कहानियां सुनने को मिलती है।ऐसे कई माता के मंदिर हैं, जहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। उनमे से कुछ खास देवी मंदिर ग्वालियर में स्थित है जिनकी बहुत मान्यता है।  ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि चैत्र नवरात्रि की समाप्ति पर अष्टमी तिथि 20 को व नवमी तिथि 21 को पूजा का बहुत महत्व है। *नहरवाली माता मंदिर, चन्द्रबदनी नाका ग्वालियर* नहरवाली माता मंदिर ग्वालियर, जो कि चन्द्रबदनी नाके पर स्थित है यह मंदिर लगभग 250 वर्ष पुराना है। इसकी मान्यता है कि इस मंदिर पर कभी शेर अपनी हाजरी कगने आते थे। यह माता भक्तो की मनोकामना पूरी करती है। और जिन महिलाओं के बच्चे नही होते वो महिलाये यहाँ मन्नत मांगती है और संतान होने के पश्चात यहाँ झूला चढ़ाती है। *भेलसे वाली माता, जनकताल बोहरापुर* लगभग 173 वर्ष पूर्व सिंधिया शासक जयाजीराव के सेनापति गोविन्दराव बिट्ठल ने भेलसा (विदिशा) पर आक्रमण किया और वहां से लूटे गए खजाने के साथ मां ...

chaitra navratri 13 april 2021

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* चैत्र नवरात्रि कल, माता का घोड़े पर आना देश के लिए अशुभता का प्रतीक* इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल मंगलवार से शुरू हो रही है, जो कि पूरे 9 दिन तक चलेगी अर्थात 22 अप्रैल  को इसका समापन होगा। इस बार माता घोड़े पर सवार होकर आएगी। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि नवरात्रि में 9 दिन मां दुर्गा धरती पर रहती हैं, इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह पूजा पहले दिन घटस्थापना से शुरू की जाती है और नवें दिन पूर्णाहुति करने के बाद समाप्त होती है।इस बार सर्वार्थसिद्धि योग  सुबह 5:58 से दोपहर 2:20 तक रहेगा। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 13 अप्रैल मंगलवार सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। नवरात्रि के नौ दिन माता दुर्गा की उपासना करने के लिए बहुत खास माने जाते हैं। नवरात्रि नौं दिनों तक मां के 9 स्वरूपों शैलपुत्री माता, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। * घोड़े पर माता का आना अशुभ* भगवत पुराण के अनुसार जब माता घोड़े पर सवार होकर आती है तब इसका अ...

Dev Guru prajapati ka kumbh rashi me transit

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* विशाल ग्रह देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन कुम्भ राशि मे* देव गुरु बृहस्पति 6 अप्रैल,मंगलवार  मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इस साल में गुरु का ये पहला राशि परिवर्तन होगा। अभी तक देव गुरु अपनी नीच राशि में शनि के साथ गोचर कर रहे थे। अब शनि की ही राशि कुम्भ में गोचर करेंगे। इस राशि पर ये 13 सितंबर तक गोचर करेंगे। इसी बीच 20 जून की रात्रि 8 बजकर 28 मिनट पर वक्री होंगे और उसी अवस्था में चलते हुए पुनः14 सितंबर की दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे।  ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि देव गुरु बृहस्पति को सर्वाधिक शुभ एवं शीघ्रफलदाई ग्रह माना गया है। गुरु ग्रह को धन, ज्ञान और सत्कर्म का कारक माना जाता है।सौरमंडल में यह विशाल ग्रहों में से एक है। जो कि विवाह और सुखी दाम्पत्य के कारक माने जाते है। और बृहस्पति देव देवताओं के गुरु माने जाते हैं। यह धनु व मीन राशि के स्वामी है।  गुरू ग्रह की चाल बदलने के कारण कई राशियों पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा तो कुछ राशियों पर इसका नकारात्मक असर भी दिखाई देगा। *इन राशियों को मिलेगा लाभ * इस राशि पर...