Maghi Gupt Navratri 12 Feb. se 21 Feb tak
*गुप्त नवरात्रि 12 से 21 तक दस दिनों की होगी*
माघ माह, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 12 फरवरी शुक्रवार से लेकर नवमी तिथि 21 फरवरी रविवार तक माघ गुप्त नवरात्र मनाई जाएगी।
कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 08:34 बजे से 09:59 बजे तक व
अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:13बजे से 12:58 बजे तक की जा सकती है। इस बार माघ नवरात्रि दस दिनों की होगी।क्योकि 17 व 18 फरवरी को दोनों दिन षष्टी तिथि रहेगी। गुप्त नवरात्रियों में मां भगवती की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रियों का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से ज्यादा होता है।
*क्यो मनाई जाती है गुप्त नवरात्रि*
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि माघ गुप्त नवरात्र को खासतौर से तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना आदि के लिए बहुत ही खास माना जाता है।इस नवरात्र में व्यक्ति ध्यान-साधना करके दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करते है।इस समय की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है।इस नवरात्रि की पूजा गुप्त रूप से की जाती है। गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना करने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। गुप्त नवरात्रि विशेषतौर पर गुप्त सिद्धियां प्राप्त करने के लिए बहुत उत्तम मानी गई हैं।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि साल में चार नवरात्र को खास माना गया है, लेकिन साल की दो नवरात्रि को ही अधिकांश लोग जानते है। जो चैत्र और शारदीय नवरात्र कहलाते है। वहीं, इन दो नवरात्र के अलावा भी दो नवरात्र होते है, जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है।यह गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ मास में आते हैं। माघ महीने में पड़ने के कारण इन नवरात्र को माघी नवरात्र भी कहा जाता है।
*गुप्त नवरात्रि में किसकी पूजा करे*
गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों के साथ-साथ दस महाविद्यियाओं की भी पूजा का विशेष महत्व है। ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगुलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं। क्योंकि इस दौरान मां की आराधना गुप्त रुप से की जाती है।
इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।
*माघी गुप्त नवरात्रि की पूजा कैसे करे*
गुप्त नवरात्र में माता की शक्ति पूजा एवं अराधना अधिक कठिन होती है इस पूजन में अखंड जोत प्रज्वलित की जाती है। प्रात:कल एवं संध्या समय देवी का पूजा अर्चना करना होती है। नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशति का पाठ किया जाता है. अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत पूर्ण होता है।
*किस दिन किस देवी की पूजा होगी*
12 फरवरी शुक्रवार प्रतिपदा
मां शैलपुत्री, घटस्थापना की जाएगी
13 फरवरी शनिवार द्वितीया तिथि मां ब्रह्मचारिणी देवी पूजा
14 फरवरी रविवार तृतीया तिथि मां चंद्रघंटा देवी पूजा
15 फरवरी सोमवार चतुर्थी तिथि मां कुष्मांडा देवी पूजा
16 फरवरी मंगलवार पंचमी तिथि मां स्कंदमाता देवी पूजा
17 फरवरी बुधवार
एवं 18 फरवरी गुरुवार षष्ठी तिथि
मां कात्यानी देवी पूजा
19 फरवरी शुक्रवार सप्तमी तिथि मां कालरात्रि देवी पूजा
20 फरवरी शनिवार अष्टमी तिथि मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी
21 फरवरी रविवार नवमी मां सिद्धिदात्री, व्रत पारण
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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