21 december ko surya dev uttarayan honge
*सूर्य की गति उत्तर की और 21 दिसंबर से प्रारम्भ होगी*
सायन पद्धत्ति के अनुसार 21 दिसंबर से सूर्य देव की गति में परिवर्तन होगा। भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर गति करना प्रारंभ करेंगे।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि जब सूर्य देव उत्तर की ओर गति करते हैं तो उसे उत्तरायण कहते हैं और दक्षिण दिशा की ओर गति को दक्षिणायन कहा जाता है। 21 दिसंबर को ही इस वर्ष का सबसे छोटा दिन व रात सबसे लंबी होगी, तथा उसके पश्चात दिन बड़े होने प्रारम्भ हो जायेगे और राते छोटी होने लगेगी।क्योंकि सूर्य की गति उत्तर की और प्रारम्भ हो जाएगी। निरयण पद्वति के अनुसार 14 जनवरी मकर संक्रांति को सूर्य उत्तरायण माना जाता है।
साल में दो बार सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है। यही परिवर्तन या अयन उत्तरायण और दक्षिणयान कहा जाता है। कालगणना के अनुसार, जब सूर्य मकर राशि से मिथुन राशि तक भ्रमण करता है, तब इस समय को उत्तरायण कहते हैं। इसका समय छह माह का होता है। इसके बाद जब सूर्य कर्क राशि से सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, और धनु राशि में विचरण करता है तब इस समय को दक्षिणायन कहते हैं। यह भी छह माह के लिए होता है। इस तरह दोनों अयन 6-6 माह का होता है।
सूर्य देव की गति परिवर्तन का वैज्ञानिक महत्व भी होता है। सूर्य देव जब उत्तरायण में होते हैं, तब वे धरती के समीप होते हैं। सूर्य के समीप होने के कारण भीषण गर्मी का अहसास किया जाता है, और इसे ग्रीष्म ऋतु कहा जाता है। वहीं, जब सूर्य दक्षिणायन की ओर गति करता है, तब वह धरती से दूर हो जाता है। इस दौरान वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है।उत्तरायण मास को देवी- देवताओं का दिन माना गया है। उत्तरायण के समय दिन लंबा और रात छोटी होती है। उत्तरायण में तीर्थयात्रा, धामों के दर्शन और उत्सवों का समय होता है। इस दौरान तीन ऋतुएं होती है शिशिर, बसन्त और ग्रीष्म
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
9302325222
Comments
Post a Comment