chhath puja 18 november to 21 november

*छठ पूजा सर्वार्थसिद्धि व रवि योग में होगी*
छठ पर्व जो कि चार दिन का होता है, इसमें सूर्य देव की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठी माता को सूर्य देवता की बहन माना जाता हैं। कहा जाता है कि छठ पर्व में सूर्य की उपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती हैं जिससे परिवार में सुख शांति तथा संतान के सुखी जीवन के लिए की जाती है।
 छठ पर्व कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि 20 नवम्बर शुक्रवार को सर्वार्थसिद्धि योग में मनाया जाएगा। 
 षष्ठी तिथि 19 नवंबर गुरुवार को रात 9:58 से प्रारम्भ होगी और 20 नवंबर को रात 9:29 बजे तक रहेगी। इसके अगले दिन सूर्य को सुबह अर्घ्य देने का समय छह बजकर 48 मिनट है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि छठ पूजा चार दिन का पर्व होता है। 
यह दीवाली के छठे दिन होने के कारण इसे छठ पर्व कहा जाता है। जो कि 18 नवम्बर बुधवार रवि योग में प्रारम्भ होगा तथा 21 नवम्बर शनिवार को समाप्त होगा।
*नहाय खाय पहला दिन*
छठ पर्व का पहला दिन कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि 18 नवम्बर बुधवार को होगा। इस दिन नहाय खाय होता है।  व्रत रखने के लिए महिलाएं स्नान आदि से निर्वरत होकर नए वस्त्र धारण कर शाम को शाकाहारी भोजन होती है।
*दूसरा दिन : खरना होता है*
कार्तिक माह की शुक्लपक्ष पंचमी को महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को भोजन करती हैं। शाम को  गुड़ से खीर बनाकर खाई जाती है।
*तीसरा दिन षष्ठी का दिन सर्वार्थसिद्धि योग*
छठ पूजा का मुख्य दिन षष्टी का दिन कहलाता है। जो 20 नवम्बर शुक्रवार सर्वार्थसिद्धि योग में मनाया जाएगा।इस दिन छठ पर्व का प्रसाद बनाया जाता है, जिसमे चावल के लड्डू का प्रसाद व फल बांस से बनी टोकरी में रखे जाते है एवं टोकरी की पूजा की जाती है। व्रत रखने वाली महिलाएं सूर्य को जल अर्पित करती है व पूजा के लिए तालाब या नदी में स्नान कर डूबते सूर्य की पूजा करती है। इस समय कोरोना के चलते महिलाएं घर मे ही बाल्टी में पानी रख कर उसके पास बैठ कर सूर्य की पूजा कर सकती है।
*चौथा व अंतिम दिन सूर्य को अर्घ्य देना*
चौथे दिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है व पूजा की जाती है। उसके पश्चात प्रसाद का वितरण कर छठ पूजा संपन्न की जाती है। इस दिन शकरकंद, लौकी एवं गन्ने खरीदे जाते है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
Gwalior

Comments

Popular posts from this blog

Hariyali amavas puja vidhi

nav varsh 2024 par banega maha lakshmi yog

Dev Guru prajapati ka kumbh rashi me transit