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Showing posts from September, 2020

shardiya navratri 17 october se 25 october 2020

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Navratri 2020: अमूमन हर साल पितृ पक्ष याने श्राद्घ समाप्ति के अगले ही दिन से नवरात्रि उत्सव शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार यह पर्व पितृ पक्ष समाप्ति के एक माह बाद शुरू होगा। पं. मनीष शास्त्री के अनुसार, इस बार श्राद्घ पक्ष समाप्त होते ही अधिकमास लग गया है। यानी नवरात्र व पितृ पक्ष के बीच एक महीने का अंतर आया है। आश्विन मास में मलमास लगने व एक महीने के अंतर पर नवरात्रारंभ का संयोग 165 साल पहले बना था। जानिए कब से शुरू होगी नवरात्रि  नवरात्रि के दौरान घटस्थापना किया जाता है। घट स्थापना, कलश स्थापना को कहते हैं घट स्थापना का शुभ मुहूर्त: शारदीय नवरात्रों का आरंभ 17 अक्टूबर, आश्चिन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होगी। दुर्गा पूजा का आरंभ घट स्थापना से शुरू हो जाता है। घट स्थापना मुहूर्त का समय शनिवार, अक्टूबर 17, 2020 को प्रात:काल 06:27 से 10:13 तक है। घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त प्रात:काल 11:44 से 12:29 तक रहेगा। घट स्थापना की विधि: नवरात्रि के प्रथम दिन ही घटस्थापना की जाती है। इसे कलश स्थापना भी कहा जाता है। इसके लिए कुछ सामग्रियों की आवश्यकता होती है। जल से ...

shani 29 september ko margi

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*शनि 142 दिनों बाद 29 को होंगे मार्गी * शनि अब पूरे 142 दिन बाद यानी 29 सितंबर मंगलवार को सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर वक्री से मार्गी हो रहे हैं।  इससे शनि के प्रभाव काफी हद तक कम हो जाएंगे। शनि के वक्री से मार्गी होने पर कई राशियों की चली आ रही मुसीबतें कम होंगी। शनि के मार्गी होने का मतलब है कि जो शनि अभी तक वक्री थे, मतलब उल्टी चाल चल रहे थे वो अब सीधी चाल चलेंगे।  ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि शनि के मार्गी होने से 5 राशियों  मिथुन, कन्या, कर्क, धनु और वृश्चिक के लिए अच्छा समय रहेगा। मिथुन राशि: इस राशि के लोगों के कई नुकसान अब लाभ में बदलेंगे। आपकी दान पुण्य में और धर्मकर्म में ज्यादा ध्यान देंगे। इसके साथ ही आपके जीवन में खुशियां आएंगी। कर्क राशि: स्वास्थ्य आपको इतने समय से खराब चल रहा है अब अच्छा होगा। आपको बिजनेस और नौकरी में भी लाभ प्राप्त हो सकता है। करियर के लिए छात्र खूब मेहनत करें, आपको लाभ मिलेगा।  वृश्चिक  : शनि के मार्गी होने से आपको जीवन में कई प्रकार का लाभ मिलेगा, आपको सभी का साथ मिलेगा। मांगलिक कार्यों का आयोजन आपके घर में हो ...

Purushottam maas 18 september se shuru hoga.

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*अधिक मास में 9 सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि व रवि पुष्य शुभ योग बनेंगे * 18सितंबर शुक्रवार उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शुक्ल योग में पुरुषोत्तम मास प्रारम्भ होने जा रहा है। जिसे अधिकमास भी कहते है यह 16 अकटुबर शुक्रवार तक रहेगा। इस मास में 14 दिन शुभ योग रहेंगे। जिसमे 9 दिन सर्वार्थसिद्धि योग, 2 दिन द्विपुष्कर योग, 1 दिन अमृतसिद्धि योग एवं 1 दिन रवि पुष्य नक्षत्र रहेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि पुरुषोत्तम मास में उपवास, पूजा पाठ, यज्ञ,हवन श्री भागवत पुराण, श्री विष्णु पुराण आदि का मनन विशेष रूप से फलदायी होता है । अधिकमास के अधिष्ठाता भगवान विष्णु है, इसलिए इस पूरे समय मे विष्णु मंत्रो का जाप विशेष लाभकारी होता है। कहा जाता है कि भारतीय मनीषियों ने अपनी गणना पद्धति से हर चंद्र मास के लिए एक देवता निर्धारित किए। चूंकि अधिकमास सूर्य और चंद्र मास के बीच संतुलन बनाने के लिए प्रकट हुआ तो इस अतिरिक्त मास का अधिपति बनने के लिए कोई देवता तैयार ना हुआ। ऐसे में ऋषि-मुनियों ने भगवान विष्णु से आग्रह किया कि वे ही इस मास का भार अपने ऊपर लें। भगवान विष्णु ने इस आग्रह को स्वीकार कर...