Vat savitri puja 22 mai ko manai jayegi
*वट सावित्री व्रत 22 मई को मनाया जाएगा*
वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या 22 मई शुक्रवार को मनाया जाएगा। अमावस तिथि 21 मई रात्रि 9:35 बजे से प्रारम्भ होकर 22 मई रात्रि 11:07 बजे तक रहेगी।
यह स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन महिलाये 16 श्रृंगार कर निर्जला व्रत का संकल्प लेती है।और वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है।
इस दिन सत्यवान सावित्री तथा यमराज की पूजा की जाती है। सावित्री ने इस व्रत के प्रभाव से अपने मृतक पति सत्यवान को धर्मराज से छुड़ाया था।
वट वृक्ष के नीचे मिट्टी की बनी सावित्री और सत्यवान तथा भैंसे पर सवार यम की मूर्ति स्थापित कर पूजा करनी चाहिए तथा बड़ की जड़ में पानी देना चाहिए। पूजा के लिए जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल, सत्यवान-सावित्री की मूर्ति, बांस का पंखा, लाल धागा, मिट्टी का दीपक, धूप और पांच फल जिसमें लीची अवश्य हो आदि होनी चाहिए
जल से वट वृक्ष को सींच कर तने को चारों ओर 12 बार कच्चा धागा लपेट कर तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए। साथ ही पंखे से वट वृक्ष को हवा करें इसके बाद सत्यवान−सावित्री की कथा सुननी चाहिए। इसके बाद भीगे हुए चनों का बायना निकाल कर उस पर यथाशक्ति रुपए रखकर अपनी सास को देना चाहिए तथा उनके चरण स्पर्श करने चाहिएं। घर आकर जल से अपने पति के पैर धोएं और आशीर्वाद लें। उसके बाद अपना व्रत खोल सकती हैं। लोकडौन के चलते इस व्रत को घर पर रहकर भी किया जा सकता है। घर मे ही मिट्टी का वट वृक्ष बना ले और उसकी पूजा विधिवत करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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