#Mohini_Ekadashi 4 May 2020
*आज के दिन मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में देवताओं को अमृत पिलाया था*
आज मोहिनी एकादशी व्रत वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि सोमवार, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में मनाया जाएगा।एकादशी तिथि 03 मई को प्रात: 9 बजकर 9 मिनट से प्रारंभ होकर 04 मई को 06 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी
मोहिनी एकादशी के पारण की बात करें तो पारण का समय अगले दिन 5 बजकर 41 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट तक है। इस बीच कभी भी पारण किया जा सकता है. इस दिन हरि वासर समाप्त होने का समय 11 बजकर 22 मिनट पर है।
मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने देवताओं को अमर बनाने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था।
यूं तो हर एकादशी महत्वपूर्ण होती है लेकिन मोहिनी एकादशी को पुराणों में विशेष स्थान दिया गया है। मान्यता है कि जो भी जातक यह व्रत करता है उसे सहस्त्र गोदान का फल मिलता है।
समुद्र मंथन के दौरान देव-दानवों के बीच अमृत कलश को लेकर घमासान युद्ध छिड़ गया। तब भगवान विष्णु ने सुंदर स्त्री मोहिनी का रूप धारण किया। जिसपर असुर मोहित हो उठे। तब श्रीहरि ने देवताओं को अमृत पान कराया। इससे सभी देवता अमर हो गए। कहा जाता है कि जिस श्रीहरि ने मोहिनी का रूप धारण किया था वह तिथि वैशाख मास की शुक्लपक्ष की एकादशी थी।
*मोहिनी एकादशी पूजा विधि*
इस दिन सीता माता का पता लगाने के लिए भगवान श्रीराम ने व्रत रखा था। इस दिन भगवान राम को पीले फूल, पंचामृत तथा तुलसी दल अर्पित करें, फल भी अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद भगवान राम का ध्यान करें तथा उनके मन्त्रों का जप करें। इस दिन मन को ईश्वर में लगायें, क्रोध न करें, असत्य न बोलें। इस दिन भगवान राम के सामने कुछ देर जरूर बैठना चाहिए। श्रीराम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। राम जी के इस मंत्र का जप 108 बार जरूर करें- मंत्र "ॐ राम रामाय नमः"
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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