#chitagupjayanti chitragupt jayengi 30 april ko
*कायस्थ समाज के आराध्य भगवान चित्रगुप्त का प्रकटोत्सव 30 अप्रैल को*
कायस्थ समाज के आराध्य भगवान चित्रगुप्त का वैशाख शुक्ल सप्तमी, गुरुवार 30 अप्रैल को प्रकटोत्सव मनाया जाएगा।
इस दिन चित्रगुप्त मंदिर में उनका पंचामृत स्नान, श्रृंगार, हवन, आरती तथा कलम-दवात की पूजा होगी।
भगवान चित्रगुप्त परमपिता ब्रह्मा जी के अंश से उत्पन्न हुए हैं और यमराज के सहयोगी है। चित्रगुप्त यमराज के यमलोक में न्यायालय के लेखक हैं। उन्हें यमराज का मुंशी भी कहा जाता है।
धर्मराज ने जब एक योग्य सहयोगी की मांग ब्रह्मा जी से की तो ब्रह्मा जी ध्यानलीन हो गये और एक हजार वर्ष की तपस्या के बाद एक पुरुष उत्पन्न हुआ। इस पुरूष का जन्म ब्रह्मा जी की काया से हुआ था अत: ये कायस्थ कहलाये और इनका नाम चित्रगुप्त पड़ा। भगवान चित्रगुप्त जी के हाथों में कर्म की किताब, कलम, दवात और करवाल है। ये कुशल लेखक हैं और इनकी लेखनी से जीवों को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलती है।
यमराज के दरवार में उस जीवात्मा के कर्मों का लेखा जोखा होता है। कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त है। यही भगवान चित्रगुप्त जन्म से लेकर मृत्युपर्यन्त जीवों के सभी कर्मों को अपनी पुस्तक में लिखते रहते हैं और जब जीवात्मा मृत्यु के पश्चात यमराज के समक्ष पहुचता है तो उनके कर्मों को एक एक कर सुनाते हैं और उन्हें अपने कर्मों के अनुसार क्रूर नर्क में भेज देते हैं।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
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