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Showing posts from April, 2020

Baglamukhi jayenti

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*1 मई को बगलामुखी जयंती पर माँ को कैसे करें प्रसन्न* 1 मई को बगलामुखी जयन्ती वैशाख शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि शुक्रवार अश्लेषा नक्षत्र गण्ड योग में मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि का प्रारंभ 30 अप्रैल दोपहर 2:39 बजे से 1 मई को दोपहर 1:27 बजे तक रहेगा। वैशाख शुक्ल अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस कहा जाता है जिस कारण इसे मां बगलामुखी जयंती के रूप में मनाया जाता है। देवी बगलामुखी तंत्र की देवी मानी गई है। इनका दूसरा नाम पीताम्बरा देवी भी है। इन्हें पीला रंग अतिप्रिय है। देवी बगलामुखी दसमहाविद्या में आठवीं महाविद्या हैं यह स्तम्भन की देवी हैं। माता बगलामुखी की शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है. इनकी उपासना से शत्रुओं का नाश होता है तथा भक्त का जीवन हर  प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है। *मां बगलामुखी पूजन घर मे ही रहकर  कैसे करें* माँ बगलामुखी की पूजा हेतु इस दिन प्रात: काल उठकर नित्य कर्मों में निवृत्त होकर, पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। साधना अकेले में, या किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर की जानी चाहिए। पूजा करने के लिए पूर्व दिशा की ओर म...

#chitagupjayanti chitragupt jayengi 30 april ko

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*कायस्थ समाज के आराध्य भगवान चित्रगुप्त का प्रकटोत्सव 30 अप्रैल को* कायस्थ समाज के आराध्य भगवान चित्रगुप्त का वैशाख शुक्ल सप्तमी, गुरुवार 30 अप्रैल को प्रकटोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन चित्रगुप्त मंदिर में उनका पंचामृत स्नान, श्रृंगार, हवन, आरती तथा कलम-दवात की पूजा होगी। भगवान चित्रगुप्त परमपिता ब्रह्मा जी के अंश से उत्पन्न हुए हैं और यमराज के सहयोगी है। चित्रगुप्त यमराज के यमलोक में न्यायालय के लेखक हैं। उन्हें यमराज का मुंशी भी कहा जाता है। धर्मराज ने जब एक योग्य सहयोगी की मांग ब्रह्मा जी से की तो ब्रह्मा जी ध्यानलीन हो गये और एक हजार वर्ष की तपस्या के बाद एक पुरुष उत्पन्न हुआ। इस पुरूष का जन्म ब्रह्मा जी की काया से हुआ था अत: ये कायस्थ कहलाये और इनका नाम चित्रगुप्त पड़ा। भगवान चित्रगुप्त जी के हाथों में कर्म की किताब, कलम, दवात और करवाल है। ये कुशल लेखक हैं और इनकी लेखनी से जीवों को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलती है। यमराज के दरवार में उस जीवात्मा के कर्मों का लेखा जोखा होता है। कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले भगवान  चित्रगुप्त है। यही भगवान चित्रगुप्त जन्म से लेकर मृ...

#gangaSaptmi गंगा सप्तमी 30 अप्रैल को मनाई जाएगी

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*गंगा सप्तमी 30 अप्रैल को पुष्य नक्षत्र में मनाई जाएगी* गंगा सप्तमी 30 अप्रैल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष गुरुवार, पुष्य नक्षत्र में मनाई जाएगी। गंगा सप्तमी का प्रारंभ 29 अप्रैल को दोपहर 3:08 बजे से प्रारम्भ होकर 30 अप्रैल दोपहर 2:34 बजे तक रहेगी। वैसाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाया जाने वाला यह त्यौहार उत्तर भारत में खास तौर से मनाया जाता है। इसे गंगा जयंती या गंगा पूजन भी कहा जाता है  गंगा सप्तमी के दिन ही गंगा जी की उत्पत्ति हुई थी। इस दिन मां गंगा स्वर्ग लोक से शिव जी की जटा में पहुंची थीं। इसलिए इस गंगा-पूजन का विशेष महत्व है। गंगा जयंती के दिन गंगा में स्नान करने तथा पूजन से सभी दुख-क्लेश दूर होते हैं। इस दिन गंगा स्नान का खास महत्व है।  लोकडौन की वजह से गंगा नदी में स्नान न करते हुए गंगा के जल की कुछ बूंदें पानी में डाल कर घर पर ही स्नान करें। इस प्रकार के स्नान से भी सिद्धि प्राप्त होती है। यश-सम्मान की भी प्राप्ति होती है। मांगलिक दोष से ग्रस्त व्यक्तियों को गंगा जयंती के अवसर पर गंगा-स्नान और पूजन से विशेष लाभ मिलता है। गंगा जयंती के शुभ दिन, भक्त सुबह...

Akshay tritiya 26 april ko kaise manaye

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* 26 अप्रैल अक्षय तृतीया पर बन रहे कई  राजयोग * 26 अप्रैल शुक्लपक्ष के रविवार रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग में तृतीया तिथि मनाई जाएगी। तृतीया तिथि  25 अप्रेल को सुबह 11:50 बजे से प्रारम्भ होकर 26 अप्रैल दोपहर 1:21 बजे तक रहेगी।  हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। धार्मिक रूप से विशेष महत्व रखने वाली अक्षय तृतीया वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल की अक्षय तृतीया कई मयानों में विशेष रहने वाली है। अक्षय तृतीया पर  कई राजयोग बन रहे हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र के साथ अबूझ मुहूर्त पड़ रहा है जो बेहद शुभ माना जा रहा है।  लोकभाषा में इसे आखातीज या वैशाख तीज भी कहा जाता है। त्रेता और सतयुग का आरम्भ भी इसी तिथि को हुआ था,इसलिए इसे कृतयुगादि तृतीया भी कहते हैं। इस तिथि की अधिष्ठात्री देवी पार्वती हैं। तृतीया तिथि को पार्वती जी ने अमोघ फल देने की सामर्थ्य का आशीर्वाद दिया था। उस आशीर्वाद के प्रभाव से इस तिथि को किया गया कोई भी कार्य निष्फल नहीं होता। व्यापार आरम्भ, गृह प्र...