जोड़ो का दर्द ज्योतिर्विज्ञान के अनुसार
जोड़ो का दर्द
जोड़ो का दर्द एक आम बात हो गई है आजकल, यह बीमारी पहले बुजुर्ग लोगो को होती थी। लेकिन अब जवान लोगो मे भी होने लगी है। जिसका कारण, खराब खान पान, तेलीय पदार्थो का अधिक सेवन, समय पर भोजन न करना, वातावरण का दूषित होना है। जिससे पेट मे तेजाब बनता है, गैस बनती है जिसके कारन जोड़ो का दर्द होने लगता है।
जोड़ क्या है
जोड़ दो हड्डियों के मिलने से बनता है यह आपस मे कार्टिलेज से जुड़ा होता है, इसमें एक प्रकार का तरल पदार्थ होता है जिसे सायनोवियल फ्लूइड कहते है। जब कार्टिलेज टूट जाती है या घिस जाती है, या फ्लूइड कम हो जाता है तो जोड़ो का दर्द शुरू हो जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार
शरीर मे बीमारियों के कारण वात, पित्त व कफ होता है, जिसके बढ़ने या घटने से शरीर मे बीमारियां होने लगती है।
ज्योतिर्विज्ञान के अनुसार
शनि ग्रह की वात प्रवर्ति होती है, मंगल ग्रह की पित्त प्रवर्ति तथा चंद्र ग्रह की कफ प्रवर्ति होती है। जब कोई ग्रह कुंडली मे खराब अवस्था मे होता है तो उस से संबंधित रोग देता है।
शनि दसम भाव एवम् ग्यारवे भाव का स्वामी है। दसम भाव शरीर के जोड़ो का स्थान है। और शनि वात प्रवर्ति का होने के कारण जोड़ो में दर्द पैदा करता है। यदि शनि कुंडली मे नीच का है, 6वे भाव मे है या 7वे भाव मे है। और दसम भाव पाप ग्रस्त है तो जोड़ो का दर्द अवश्य होगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की लाल किताब के अनुसार
जब मंगल ग्रह पर मुसीबत आती है तो वह अपनी मुसीबत केतु पर डाल देता है। और जब सूर्य पर मुसीबत आती है तो वह भी केतु पर डालता है। और जब शनि पर मुसीबत आती है तो वह अपनी मुसीबत शुक्र पर डालता है। यहां हमे केतु का और शुक्र का इलाज करना होगा। यदि इन ग्रह की वस्तुओं का सेवन करे तो ग्रह ठीक हो जायेगे और दर्द में राहत मिलेगी।
उपाय :-
इसलिए हमें केतु की वस्तु लहसुन सुबह खाली पेट 2 या 3 डली कहना चाहिए। और शनि के जैतून के तेल की मालिश जोड़ो पर करनी चाहिए।
मैथी दान को भिगोकर रखे व दूसरे दिन चबा कर खाये या उसका रस निकालकर पिये। जिससे ग्रह ठीक होंगे और डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज भी करते रहे।
https://www.youtube.com/watch?v=LwDFrvjpUGw&t=4s
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
जोड़ो का दर्द एक आम बात हो गई है आजकल, यह बीमारी पहले बुजुर्ग लोगो को होती थी। लेकिन अब जवान लोगो मे भी होने लगी है। जिसका कारण, खराब खान पान, तेलीय पदार्थो का अधिक सेवन, समय पर भोजन न करना, वातावरण का दूषित होना है। जिससे पेट मे तेजाब बनता है, गैस बनती है जिसके कारन जोड़ो का दर्द होने लगता है।
जोड़ क्या है
जोड़ दो हड्डियों के मिलने से बनता है यह आपस मे कार्टिलेज से जुड़ा होता है, इसमें एक प्रकार का तरल पदार्थ होता है जिसे सायनोवियल फ्लूइड कहते है। जब कार्टिलेज टूट जाती है या घिस जाती है, या फ्लूइड कम हो जाता है तो जोड़ो का दर्द शुरू हो जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार
शरीर मे बीमारियों के कारण वात, पित्त व कफ होता है, जिसके बढ़ने या घटने से शरीर मे बीमारियां होने लगती है।
ज्योतिर्विज्ञान के अनुसार
शनि ग्रह की वात प्रवर्ति होती है, मंगल ग्रह की पित्त प्रवर्ति तथा चंद्र ग्रह की कफ प्रवर्ति होती है। जब कोई ग्रह कुंडली मे खराब अवस्था मे होता है तो उस से संबंधित रोग देता है।
शनि दसम भाव एवम् ग्यारवे भाव का स्वामी है। दसम भाव शरीर के जोड़ो का स्थान है। और शनि वात प्रवर्ति का होने के कारण जोड़ो में दर्द पैदा करता है। यदि शनि कुंडली मे नीच का है, 6वे भाव मे है या 7वे भाव मे है। और दसम भाव पाप ग्रस्त है तो जोड़ो का दर्द अवश्य होगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की लाल किताब के अनुसार
जब मंगल ग्रह पर मुसीबत आती है तो वह अपनी मुसीबत केतु पर डाल देता है। और जब सूर्य पर मुसीबत आती है तो वह भी केतु पर डालता है। और जब शनि पर मुसीबत आती है तो वह अपनी मुसीबत शुक्र पर डालता है। यहां हमे केतु का और शुक्र का इलाज करना होगा। यदि इन ग्रह की वस्तुओं का सेवन करे तो ग्रह ठीक हो जायेगे और दर्द में राहत मिलेगी।
उपाय :-
इसलिए हमें केतु की वस्तु लहसुन सुबह खाली पेट 2 या 3 डली कहना चाहिए। और शनि के जैतून के तेल की मालिश जोड़ो पर करनी चाहिए।
मैथी दान को भिगोकर रखे व दूसरे दिन चबा कर खाये या उसका रस निकालकर पिये। जिससे ग्रह ठीक होंगे और डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज भी करते रहे।
https://www.youtube.com/watch?v=LwDFrvjpUGw&t=4s
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा
Comments
Post a Comment