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aaj hogi diwali puja,banege shubh yog

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* बुधादित्य योग और आयुष्मान योग में होगा दिवाली पूजन* इस बार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि दीपावली का पावन पर्व 31 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार को रात्रि व्यापिनी अमावस्या तिथि में मनाया जाएगा। इसलिए 31 अक्टूबर को स्थिर लग्न में शाम के समय ऑफिस दुकान में पूजा कर लें। सर्वोत्तम मुहूर्त प्रदोष काल अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को शाम 6 बजे से 8 बजे तक बन रहा है।वृषभ लग्न (स्थिर लग्न) का समय शाम 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। * पूजन का दूसरा मुहूर्त* महानिशीथ काल का पूजन मुहूर्त 31 अक्टूबर की रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक होगा। इस समय दुकान, फैक्ट्री, व्यवसाय की पूजा कर सकते है। * दिवाली पर बनेंगे शुभ योग* दिवाली इस बार बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन शुक्र-गुरु की युति से समसप्तक योग का निर्माण हो रहा है।साथ ही शनि अपनी ही स्वराशि कुंभ में विराजमान रहकर शश राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। * दिव...

Dhanteras 29 October 2024 par hogi Dhanvantri aur lakshmi puja

* धनतेरस पर 29 को होगी धन्वंतरि और लक्ष्मी-कुबेर की पूजा* धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जायेगा , यह हिंदू त्यौहारों में से एक प्रमुख त्योहार है, जिसे दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं। इस दिन भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि दिवाली उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है।कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाई जाती है।इस दिन भगवान धन्वंतरी और माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा का विधान है।धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदते हैं। * धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त* त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 30 अक्टूबर को दोपहर बाद 01 बजकर 15 मिनट पर होगा।धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत गोधूल काल में मंगलवार 29 अक्टूबर शाम 6 बजकर 31 मिनट से 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगी।इस तरह धनतेरस पर भगवान धन्वंतरी, गणेश और कुबेर जी की पूजा के लिए कुल 1 घंटा 41 मिनट का समय मिलेगा। * धनतेरस पर ख़रीदारी का शुभ मुहूर्त* धनतेरस के दिन पूजा पाठ के...

कालभैरव अष्टमी 3 मार्च 2024 को मनेगी

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* *कालाष्टमी आज 3 मार्च को मनेगी, पूजा से राहु व शनि के कष्टों से मिलेगी मुक्ति* कालाष्टमी आज 3 मार्च रविवार को मनाई जाएगी। भगवान काल भैरव को शिव जी उग्र स्वरूप माना गया है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि यह दिन भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। कालाष्टमी हिंदुओं में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा का विधान है। भगवान काल भैरव भगवान शिव का उग्र स्वरूप हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग पूरे समर्पण और भाव के साथ उनकी पूजा करते हैं, वे उन्हें हमेशा हर बुरी ऊर्जा से बचाते हैं।काल भैरव की अत्यधिक भक्ति के साथ पूजा करने से भक्तों की असामयिक मृत्यु से रक्षा होती है और शनि और राहु के दुष्प्रभाव से बचाव होता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति अपनी कुंडली में शत्रुओं और ग्रह पीड़ाओं से उत्पन्न बाधाओं को दूर कर सकता है। काल भैरव जी की आराधना उन जातकों को करने की सलाह दी जाती है, जो किसी भी प्रकार के काले जादू, बुरी नजर के प्रभाव और नकारात्मक ऊर्जा से पीड़ित हैं। बाबा काल भैरव की पूजा करने से तंत्र और मंत्र की ...

2024 में 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा

* सभी 12 राशियों के लिए नया वर्ष 2024 कैसा रहेगा* मेष राशि - पारिवारिक दृष्टि से या वर्ष अनुकूल रहेगा आपके परिवार में सुख शांति का वातावरण बना रहेगा। वृषभ राशि - नौकरी करने वालों को अपने कार्य स्थल पर मान सम्मान प्राप्त होगा। राहु का गोचर धन आगमन के नए मार्ग बनाएगा। मिथुन राशि-  वर्ष की शुरुआत में सप्तम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आप व्यापार में उन्नति प्राप्त करेंगे। नया व्यापार करने के लिए समय अनुकूल है। कर्क राशि - इस वर्ष राशि से अष्टम भाव में शनि का गोचर आपको मानसिक रूप से कष्ट देते रहेंगे। अष्टम भाव का शनि कभी-कभी मौसम जनित बीमारियों से परेशान भी कर सकता है।  सिंह राशि - वर्षारंभ में अधिक भागदौड़ के कारण परिजनों को अधिक समय नहीं दे पाएंगे। परिवार में परस्पर सहयोग और भावनात्मक प्रेम में वृद्धि होगी।  कन्या राशि - अष्टमस्थ गुरु और लग्न स्थान पर राहु की दृष्टि के कारण आपके स्वास्थ्य में इस वर्ष उतार-चढ़ाव बना रहेगा। तुला राशि - साल की शुरुआत में आपको भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। सप्तमस्थ गुरु के प्रभाव से आपकी पत्नी के साथ संबंध मधुर होंगे।  वृश्चिक र...

nav varsh 2024 par banega maha lakshmi yog

*महा लक्ष्मी योग राजयोग में होगी साल 2024 की शुरुआत,नववर्ष में बनेगा गज केसरी योग* नए साल 2024 की शुरुआत होने वाली है। 01 जनवरी को पंचमी तिथि दिन सोमवार रहेगा इस दिन आयुष्मान योग बनेगा।  ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि नववर्ष का सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। क्योंकि नया साल हम सभी के लिए नई उम्मीदें और नए अवसर लेकर आता है। ये साल सभी के लिए बहुत खास होता है। कुछ लोग इस दौरान घर में पूजा पाठ का आयोजन भी कराते है ताकी पूरे साल परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहें। वहीं कुछ लोग जीवन में कुछ नया करने का प्रण भी लेते है। आमतौर पर लोग अपने अधूरे काम को नए वर्ष पर पूरा करने की योजना बनाते है। इस बार साल के शुरू होने से पहले बहुत ही शुभ और शानदार योगों का निर्माण हो रहा है। साल 2024 की शुरुआत शुभ योग में होने से कई राशि के जातकों के लिए नया साल शुभ और शानदार रहने वाला है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक सभी ग्रहों में सबसे शुभ ग्रह माने जाने वाले देवगुरु बृहस्पति 31 दिसंबर 2023 को उल्टी चाल से बाहर निकलते हुए सीधी चाल चलने लगेंगे। यानी नए साल 2024 से गुरु वक्री से मार्गी हो...

chandrma ke upay

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Magh gupt navratri 2023 kab hai

* नववर्ष की पहली माघ गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी से शुरू होगी* पहली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि होगी। 22 जनवरी से 30 जनवरी तक पूरे 9 दिन रहेगी। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि ये नवरात्रि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक चलती है। मां दुर्गा को उपासक 9 दिन तक गुप्त तरीके से शक्ति साधना व तंत्र  सिद्धि करते हैं। * माघ गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त* पंचांग के मुताबिक माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 जनवरी 2023 को सुबह 02 बजकर 22 मिनट पर आरंभ हो रही है और 22 जनवरी को ही रात 10 बजकर 27 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी। घटस्थापना मुहूर्त 22 जनवरी को सुबह 10:04 बजे से सुबह 10:51बजे तक रहेगा। घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:17 से दोपहर 01:00 बजे तक रहेगा। * गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को इन चीजों का लगाएं भोग* प्रतिपदा- रोगमुक्त रहने के लिए प्रतिपदा तिथि के दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाएं। द्वितीया- लंबी उम्र के लिए द्वितीया तिथि को मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाएं। तृतीया- दुख से मुक्ति के लिए तृतीया तिथि पर मां च...