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Showing posts from August, 2021

Halshashti vrat 28 august 2021

हलषष्ठी व्रत भरणी नक्षत्र और ध्रुव योग में 28 अगस्त को होगा हलषष्ठी व्रत 28 अगस्त शनिवार को मनाया जाता है। इसे ललही छठ भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा बताया कि  इस दिन बलराम का कृष्ण के बड़े भाई के रुप में जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को बलराम जयंती और हलषष्ठी के रुप में मनाते हैं। इस दिन मां अपनी संतान के दीर्घायु के लिए व्रत और पूजन करती है। हलषष्ठी व्रत के दिन चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे। भरणी नक्षत्र और ध्रुव योग में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण जी के भाई बलराम जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में हलषष्ठी व्रत मनाने की परंपरा है। यह परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है। क्योंकि बलराम जी का प्रधान शस्त्र हल और मूसल है। इसलिए उन्हें हलधर भी कहा जाता है। और उन्हीं के नाम पर इस पावन पर्व का नाम हल षष्ठी पड़ा है। बलराम जयंती या हलषष्ठी व्रत के दिन हलधर की पूजा की जाती है। खेत में जोती बोई चीजें नहीं खाई जाती है। दूध-दही के सेवन से वर्जित होता है।हल षष्ठी के दिन माताओं को महुआ की दातुन और महुआ खाने का विधान है। हलषष्ठी व्रत पूजा विधि इस व्रत की पू...

Goga navmi 31 august 2021

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* नागों के देवता गोगा देव की पूजा गोगा नवमी पर होगी* गोगा नवमी 31 अगस्त मंगलवार नवमी तिथि को मनाई जाएगी। गोगा नवमी बेहद धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि नवमी तिथि का प्रारंभ 31अगस्त सुबह 2:00 बजे से 01 सितंबर, सुबह 4:23 बजे तक रहेगी। गोगा नवमी पर, भक्त गोगाजी की मूर्ति का पूजन करते हैं। गोगा देव  नीले रंग के घोड़े की सवारी करते हुए दिखाई देते हैं और पीले और नीले झंडे भी रखते हैं। गोगा देव जिनका नाम जाहरवीर था, एक शक्तिशाली राजपूत राजकुमार थे। जिनके पास विषैले सांपों को नियंत्रित करने के लिए अलौकिक शक्तियां थी। ऐसी मान्यता है कि गोगा देव की पूजा करने से सांपों से रक्षा होती है। हिंदुओं का मानना ​​है कि इस दिन गोगा देव की पूजा करने से सांप और अन्य बुराइयों से उनकी रक्षा होती है। इसलिए विवाहित महिलाएं गोगा नवमी पर गोगा देव की पूजा करती है, और अपने बच्चों की सलामती और खुशहाली के लिए उनसे प्रार्थना करती हैं। कुछ निःसंतान विवाहित महिलाएं भी इस दिन प्रार्थना करती हैं कि उन्हें संतान की प्राप्ति हो। *ग्वालियर शहर में निकाली जाती है,विज...

Teesre somwar hogi ardh narishwar shiv puja

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* सावन के तीसरे सोमवार को होती है अर्द्धनारीश्वर शिव पूजा* सावन का तीसरा सोमवार 09 अगस्त को है। इस दिन पंचांग के अनुसार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है।ग्वालियर में शिव मंदिरों में लगेगा मेला, भक्तगण तीसरे सोमवार को शिव का अभिषेक करेंगे व शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप की पूजा करेंगे। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि  इस दिन नक्षत्र आश्लेषा और चंद्रमा का गोचर कर्क राशि में होगा।सावन के तीसरे सोमवार को अभिजीत मुहूर्त प्रात: 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।  सावन के तीसरे सोमवार को कर्क राशि में चंद्रमा और सूर्य की युति बनेगी, वहीं सिंह राशि में तीन ग्रहों की युति बन रही है। सावन सोमवार को सिंह राशि में शुक्र, मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान रहेंगे। *तीसरे सोमवार को अर्द्धनारीश्वर की पूजा क्यो होती है*  सावन की तृतीय सोमवार 9 अगस्त को अर्द्धनारीश्वर शिव का पूजन किया जाता है।  इन्हें खुश करने के लिए ‘ऊं महादेवाय सर्व कार्य सिद्धि देहि-देहि कामेश्वराय नम: मंत्र का 11 माला जाप करना श्रेष्ठ माना गया है। भगवान शिव को कई अलग-अलग र...